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Hindi Translation of International Bestseller “Animal Farm by George Orwell”
एनिमल फार्म’ जॉर्ज ऑरवेल का लाक्षणिक लघु उपन्यास है; जो उन घटनाओं का वर्णन करता है; जिनके कारण 1917 की रूसी क्रांति हुई और फिर सोवियत संघ में स्टालिन का युग आया। एक फार्म पर आधारित इस उपन्यास में उन पशुओं का विद्रोह होता है; जो मनुष्यों पर आधिपत्य चाहते हैं। मिस्टर जॉन्स के फार्म में रहनेवाले पशु मनुष्यों की सेवा करते-करते थक चुके हैं और उन्हें लगता है कि मनुष्यों द्वारा अपनी सारी आवश्यकताओं के लिए पशुओं का इस्तेमाल किया जाना घोर शोषण है।
Animal Farm : Hindi Translation of International Bestseller “Animal Farm by George Orwell”
क्रांति की शुरुआत उस दिन होती है; जब मिस्टर जॉन्स पशुओं को चारा देना भूल जाते हैं। इसके बाद पशुओं ने नेपोलियन और स्नोबॉल नाम के दो सूअरों के नेतृत्व में मनुष्यों पर आक्रमण करने और फार्म पर कब्जा जमाने की योजना बना ली।
संवेदना और मर्म को स्पर्श करनेवाले विश्वप्रसिद्ध उपन्यास का सुंदर अनुवाद; जो पाठकों को बाँध लेगा।
Experience the chilling allegory of power and corruption with George Orwell’s masterpiece, “Animal Farm.” Immerse yourself in the gripping narrative that unfolds in a farmyard setting, where animals rebel against human oppression, only to discover the perils of unchecked authority and the complexities of political manipulation.
As Orwell’s tale unfolds, witness the rise and fall of the animal-led rebellion, drawing stark parallels to the political struggles of the real world. How does “Animal Farm” serve as a cautionary tale about the dangers of absolute power and the betrayal of revolutionary ideals?
Explore the intricate details of this timeless work, where each character and event symbolizes broader themes and historical events. What profound insights can be gleaned about human nature, governance, and the relentless pursuit of power?
Now, pause and reflect on the relevance of “Animal Farm” in today’s world: How do the themes of oppression, manipulation, and the quest for equality resonate in contemporary society? Are you ready to confront the uncomfortable truths mirrored in Orwell’s allegorical masterpiece?
Engage with short, impactful paragraphs that navigate the complexities of Orwell’s narrative. His genius unfolds in every word, prompting readers to question authority, challenge propaganda, and reflect on the ever-present tension between the governed and those in power.
Are you prepared to confront the shadows of political allegory painted vividly on the pages of “Animal Farm“? George Orwell’s masterpiece is not just a novel; it’s a stark reflection on the fragility of freedom and the enduring struggle for justice.
Seize the opportunity to own a piece of literary brilliance. Purchase “Animal Farm“ now, and let Orwell’s penetrating narrative transport you to a world where the pursuit of utopia takes a dark and cautionary turn.
From the Publisher
Animal Farm by George Orwell
एक फार्म पर आधारित इस उपन्यास में उन पशुओं का विद्रोह होता है, जो मनुष्यों पर आधिपत्य चाहते हैं।
एनिमल फार्म (Animal Farm) अंग्रेज उपन्यासकार जॉर्ज ऑरवेल की कालजयी रचना है। बीसवीं सदी के महान अंग्रेज उपन्यासकार जॉर्ज ऑरवेल ने अपनी इस कालजयी कृति में सुअरों को केन्द्रीय चरित्र बनाकर बोलशेविक क्रांति की विफलता पर करारा व्यंग्य किया था। अपने आकार के लिहाज से लघु उपन्यास की श्रेणी में आनेवाली यह रचना पाठकों के लिए आज भी उतनी ही असरदार है। जॉर्ज ऑरवेल (1903-1950) के संबंध में खास बात यह है कि उनका जन्म भारत में ही बिहार के मोतिहारी नामक स्थान पर हुआ था। उनके पिता ब्रिटिश राज की भारतीय सिविल सेवा के अधिकारी थे। ऑरवेल का मूल नाम ‘एरिक आर्थर ब्लेयर’ था। उनके जन्म के साल भर बाद ही उनकी मां उन्हें लेकर इंग्लैण्ड चलीं गयीं थीं, जहां सेवानिवृत्ति के बाद उनके पिता भी चले गए। वहीं पर उनकी शिक्षा हुई। एनीमल फॉर्म 1944 ई. में लिखा गया। प्रकाशन 1945 में इंग्लैंड में हुआ जिसे तब नॉवेला (लघु उपन्यास) कहा गया, यद्यपि इसकी मूल संरचना एक लंबी कहानी की है। कथाकार ने इसे प्रथम प्रकाशन के समय शीर्षक के साथ एक ‘फेयरी टेल’ (परी कथा) कहा, क्योंकि परी कथाओं के समान ही विभिन्न जानवर-जन्तु यहां उपस्थित हैं। प्रकाशन के साथ ही विश्व की सभी भाषाओं में इसके अनुवाद प्रकाशित हुए- फ्रांसीसी भाषा में तो कई-कई!! प्रसिद्ध टाइम मैगजीन ने वर्ष 2005 में एक सर्वेक्षण में 1923-2005 ई. की कालावधि में प्रकाशित 100 सर्वाधिक प्रसिद्ध उपन्यासों में इस उपन्यास की गिनती की और साथ ही 20 वीं शती की माडर्न लाइब्रेरी लिस्ट ऑफ बेस्ट 100 नॉवल्स में इसे 31 वां स्थान दिया। एनीमल फॉर्म उपन्यास साम्यवादी क्रांति आन्दोलन के इतिहास में आई भ्रष्टता को नंगा करता हुआ दर्शाता है कि ऐसे आंदोलन के नेतृत्व में प्रवेश कर गयी स्वार्थपरता, लोभ-मोह तथा बहुत-सी अच्छी बातों से किनाराकशी किस प्रकार आदर्शो के स्वप्न-राज्य (यूटोपिया) को खंडित कर सारे सपनों को बिखेर देती है। मुक्ति आंदोलन जिस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए किया गया था, सर्वहारा वर्ग को सत्ता हस्तांतरित करने के लिए, उस उद्देश्य से भटक कर वह बहुत त्रासदायी बन जाता है। एनिमल फॉर्म का गणतंत्र इन्हीं सरोकारों पर अपनी व्यवस्था को केंद्रित करते हैं। पशुओं के बाडे का पशुवाद (एनीमलिज्म) वस्तुत: सोवियत रूस के 1910 से 1940 की स्थितियों का फंतासीपरक रूपात्मक प्रतीकीकरण है।
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ऐनिमल फार्म की कहानी कुछ इस प्रकार है : मेनर फार्म के जानवर अपने मालिक के खिलाफ बगावत कर देते हैं और शासन अपने हाथ में ले लेते हैं। जानवरों में सूअर सबसे चालाक हैं और इसलिए वे ही इनका नेतृत्व करते हैं। सुअर जानवरों की सभा में सुशासन के कुछ नियम तय करते हैं। पंरतु बाद में ये सुअर आदमी का ही रंग-ढंग अपना लेते हैं और अपने फायदे व ऐश के लिए दूसरे जानवरों का शोषण करने लगते हैं। इस क्रम में वे नियमों में मनमाने ढंग से तोड़-मरोड़ भी करते हैं। मसलन नियम था – ALL ANIMALS ARE EQUAL
George Orwell
Orwell was born on the 25th June, 1903 in Motihari, Bihar, in British India where he spent his first days.His mother brought him and his older sister, Marjorie, to England about a year after his birth and settled in Henley-on-Thames. Because his father stayed behind in India and rarely visited, George Orwell and his father never formed a strong bond.Orwell was later sent to a boarding school, which he hated and where he got his first taste of England’s class system.
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ASIN : B07VST16NT
Publisher : Prabhat Prakashan (27 February 2021)
Language : Hindi
File size : 608 KB
Text-to-Speech : Enabled
Screen Reader : Supported
Enhanced typesetting : Enabled
Word Wise : Not Enabled
Print length : 89 pages
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